निदेशालय (ईडी) ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी के खिलाफ दिल्ली की अदालत में शनिवार को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की। रतुल को वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी बनाया गया है। उस पर डील में बिचौलिए की भूमिका निभाने और रिश्वत लेने के आरोप हैं। इससे पहले 8 हजार करोड़ रु. के अन्य मनी लॉन्ड्रिंग केस में रतुल को गिरफ्तारी हुई थी, फिलहाल वह जेल में है।
ईडी ने सितंबर में पहली चार्जशीट दायर की थी, इसमें खुलासा हुआ था कि रतुल दुबई के हवाला ऑपरेटर राकेश सक्सेना के क्रेडिट कार्ड पर आलीशान जिंदगी जी रहा था। वह प्राइवेट जेट में सफर करता था और नाइट क्लब में उसका रोज का आना-जाना था। अमेरिका के एक क्लब में उसने एक बार में 7.8 करोड़ रुपए (11,43,980 डॉलर) खर्च कर दिए थे।
रतुल पर बैंकों से रु. लेकर अन्य बैंकों में ट्रांसफर करने का आरोप
ईडी ने बैंकों से धोखाधड़ी के मामले में कहा था कि रतुल, उसके सहयोगियों और मोजर बियर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं। रतुल कंपनी में एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और उसके पिता दीपक पुरी मोजर बियर के मालिक हैं। ईडी के मुताबिक, रतुल पर बैंकों से 8 हजार करोड़ रुपए कर्ज लेकर इसे दूसरे ग्रुप में ट्रांसफर करने का आरोप है। एजेंसी ने रतुल के द्वारा मोजर बियर से जुड़े देश-विदेश के कई खातों में रकम ट्रांसफर करने की जांच की।
रतुल के खिलाफ 354 करोड़ रु. की धोखाधड़ी का केस दर्ज
प्रवर्तन निदेशालय ने रतुल पुरी, पिता दीपक पुरी, मां नीता (कमलनाथ की बहन) और अन्य के खिलाफ सेंट्रल बैंक से 354 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया था। बैंक ने दावा किया था कि मोजर बियर के डायरेक्टर्स ने कर्ज हासिल करने के लिए झूठे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
सीबीआई ने 17 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया
सीबीआई ने भी 17 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केस दर्ज किया था। 2010 में वीवीआईपी के लिए इटली की कंपनी फिनमेकेनिका की ब्रिटिश सब्सिडियरी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए 3,600 करोड़ रुपए की डील हुई थी। इसमें रतुल पर बिचौलिए की भूमिका और रिश्वत लेने के आरोप हैं। अगस्ता द्वारा डील की शर्तें तोड़ने के आरोपों की वजह से यूपीए ने 2014 में डील रद्द कर दी थी